भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण के लिए ईआईबी 3,177.20 करोड़ रुपए का लोन देने को तैयार

आज की स्थिति में एक यूरो 79.43 पैसे के बराबर है,  इस हिसाब से 400 मिलियन यूरो 3,177.20 करोड़ रुपए के बराबर होता है | 3,470.20 करोड़ ईआईबी से लोन (50%), 694.10 बॉन्ड या किसी भारतीय बैंक से कर्ज (10%)



भोपाल। भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए यूरोपियन इंवेस्टमेंट बैंक (ईआईबी) से मिलने वाला लोन अंतिम चरण है। ईआईबी के संचालक मंडल ने भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 400 मिलियन यूरो का लोन देने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। अब इसके अगले चरण में भारत सरकार और ईआईबी के बीच लोन की शर्तों को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। 


ईआईबी द्वारा हाल में स्वीकृत लोन (रिसेंटली अप्रूव्ड लोन) की लिस्ट में 32 वें नंबर पर भोपाल मेट्रो प्रोजेक्ट के पहले चरण के लिए लोन स्वीकृति का जिक्र है। लोन की शर्ते तय होने के बाद ही ब्याज की दर और लोन वापसी की अवधि तय होगी। मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन के अधिकारी भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के सतत संपर्क में हैं । भारत सरकार की गारंटी पर ही यह लोन मिलेगा। 


ईआईबी ने लखनऊ मेट्रो को 0.55 प्रतिशत दर पर लोन दिया है। यह लोन 20 साल में लौटाया जाना है। इसमें पहले चार साल ब्याज नहीं लगेगा। भोपाल में इन्हीं शर्तों पर लोन मिलने की संभावना है। नगरीय विकास एवं आवास के प्रमुख सचिव संजय दुबे के मुताबिक ईआईबी के बोर्ड ने लोन देने की स्वीकृति दे दी है। उम्मीद है कि एक सप्ताह में लोन मंजूर हो जाएगा।


लोन की राशि में मामूली अंतर: मप्र मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने 6941.00 करोड़ रुपए के पचास प्रतिशत के बराबर यानी 3470.20 करोड़ रुपए ईआईबी से लोन का प्रस्ताव दिया था। ईआईबी ने प्रोजेक्ट की लागत 815 मिलीयन यूरो मानते हुए 400 मिलीयन यूरो (49.07 प्रतिशत) लोन की स्वीकृति दी है। ईआईबी पचास प्रतिशत से अधिक लोन नहीं देता है।


दस करोड़ रुपए का काम भी नहीं : एक साल पहले एम्स से सुभाष नगर तक 6.225 किमी के रूट के सिविल वर्क के लिए 247 करोड़ से वर्क अॉर्डर जारी किया था। यदि ग्राउंड पर भोपाल में अब तक केवल दस करोड़ रुपए के ही काम हुए हैं। राज्य सरकार ने मेट्रो कंपनी को अब तक केवल 300 करोड़ रुपए दिए हैं। इसमें भी 200 करोड़ रुपए हुडको से लोन लिया गया है।