भोपाल . हमीदिया अस्पताल में बनाई जा रही दो हजार बिस्तर की नई बिल्डिंग समेत दूसरे काम समय पर पूरे किए जा सकेंगे। अब इन निर्माण कार्याें में बजट की कमी राेड़ा नहीं बनेगी। निर्माण कार्य समय पर पूरे हाेने से सुविधाअाें की शुरुअात भी समय पर हाे पाएगी। इसका सीधा फायदा मरीजाें काे हाेगा। यह संभव हाेगा केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय की अाेर से मिलने वाली 300 कराेड़ की मदद से। मंत्रालय की अाेर से शुक्रवार काे इसकी मंजूरी दी गई है। उम्मीद की जा रही है कि एक से दाे महीने में यह राशि मिल जाएगी।
बजट के अभाव में हमीदिया का निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पा रहा था। समय पर भुगतान नहीं हाेने के कारण निर्माण कार्य कर रही कंपनी ने महीनाें तक काम बंद रखा था। इस स्थिति काे देखते हुए निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी ने रुके हुए निर्माण कार्याें काे पूरा करने के लिए केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय से बजट मांगा था।
निर्माण कार्याें की प्राेग्रेस देखकर बढ़ाया बजट - पीडब्ल्यूडी के प्रस्ताव पर शुक्रवार काे दिल्ली से केंद्रीय अल्पसंख्यक मंत्रालय के सचिव पीके दास यहां पहुंचे थे। उन्हाेंने जीएमसी समेत चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियाें से चर्चा की अाैर प्रस्ताव पर सहमति दी। सूत्रों की मानें ताे मंत्रालय ने प्राेजेक्ट के लिए 300 करोड़ रुपए देने की हामी भरी है। यह मंत्रालय अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में हाेने वाले निर्माण के लिए फंड देता है।
बंद हो चुका है काम - हमीदिया की नई बिल्डिंग के निर्माण का काम गुजरात की क्यूब कंस्ट्रक्शन कंपनी कर रही है। बजट के अभाव में पीअाईयू समय पर भुगतान नहीं कर पाए थी। तब कंपनी का 30 कराेड़ से ज्यादा का भुगतान लंबित हाेने से मार्च 2019 में काम बंद कर दिया गया था।
इन पर खर्च हाेगा पैसा
105 कराेड़ | उपकरण और फर्नीचर |
49 कराेड़ | ऑथोपेडिक्स एक्सिलेंसी |
41 कराेड़ | रेस्पिरेटरी सेंटर |
29 कराेड़ | एसटीपी का निर्माण |
17 कराेड़ | स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स |
264 कराेड़ की डिमांड भेजी गई थी। मंत्रालय सचिव ने सहमति दी है। साेमवार काे बैठक में तय हाेगा कि बजट का उपयाेग कहां-कहां होगा। डॉ. आदित्य अग्रवाल, प्रभारी डीन, जीएमसी